India to Become 4th Largest Electric Car Maker By 2030: चीन से मुकाबले के लिए लागत घटाना ज़रूरी

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India to Become 4th Largest Electric Car Maker By 2030: चीन से मुकाबले के लिए लागत घटाना ज़रूरी

भारत अब इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण की दौड़ में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा electric car maker बन जाएगा। Rhodium Group report के मुताबिक़, भारत 2030 तक अमेरिका, चीन और यूरोप के बाद इस सूची में अपनी जगह बना लेगा। लेकिन इसमें एक बड़ी चुनौती है — चीन से EV export के मुकाबले में टिके रहने के लिए production cost को कम करना।

4th Largest Electric Car Maker By 2030
4th Largest Electric Car Maker By 2030

भारत की Electric Car Production Capacity में आएगा बूम

आज जहां भारत की सालाना electric car production capacity केवल 2 लाख यूनिट है, वहीं 2030 तक यह आंकड़ा बढ़कर 25 लाख यूनिट सालाना हो सकता है। इसका मतलब यह है कि भारत अब केवल घरेलू बाज़ार के लिए नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार के लिए भी EV manufacturing hub बनने की ओर बढ़ रहा है।

EV export from India बन सकता है गेमचेंजर

Rhodium Group की रिपोर्ट बताती है कि आने वाले पांच वर्षों में भारत की उत्पादन क्षमता घरेलू मांग से 1.1 से 2.1 मिलियन यूनिट्स अधिक होगी। इसका साफ़ मतलब है कि भारत को अपने EVs के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार ढूंढने होंगे।

EV export from India यदि सही रणनीति के साथ किया जाए, तो यह भारत की अर्थव्यवस्था के लिए नया आयाम बन सकता है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि भारत चीन जैसे देशों के मुकाबले कीमतें घटाए।

घरेलू EV Market पर Tata, Mahindra और MG का दबदबा

2024–25 में भारत के घरेलू EV मार्केट में Tata Motors, Mahindra Electric और MG Motor EVs का साझा मार्केट शेयर 90% से ज़्यादा रहा। ये आंकड़े Vahan Dashboard EV Data से लिए गए हैं। Tata Nexon EV, Mahindra XUV400 और MG ZS EV जैसी गाड़ियाँ भारतीय ग्राहकों के बीच खूब पसंद की जा रही हैं।

Tata, Mahindra and MG
Tata, Mahindra and MG

Compete with China EV: भारत को क्यों चाहिए लागत में कटौती?

चीन की EV कंपनियाँ जैसे कि BYD और SAIC बड़े पैमाने पर सस्ती electric cars बना रही हैं। इनके मुकाबले भारत को टिकने के लिए ज़रूरी होगा कि वह:

  • Battery manufacturing in India को बढ़ावा दे
  • EV parts और कंपोनेंट्स का localisation करे
  • EV के लिए सप्लाई चेन को मजबूत करे
  • Make in India EV अभियान को और सशक्त बनाए

तभी भारत compete with China EV मार्केट में सक्षम होगा।

EV Export From India: नए बाजारों की ओर उम्मीद

भारत की EV कंपनियों के पास अवसर है कि वे अफ्रीका, दक्षिण एशिया और लैटिन अमेरिका जैसे emerging EV markets को टारगेट करें। भारतीय गाड़ियों की सबसे बड़ी ताकत है इनकी किफायती कीमत और भरोसेमंद प्रदर्शन। यदि भारत EV export from India के लिए रणनीति तैयार करता है, तो वह न सिर्फ़ अतिरिक्त उत्पादन को इस्तेमाल कर पाएगा बल्कि विदेशी मुद्रा भी अर्जित कर सकेगा।

Global EV market में भारत की संभावनाएं

Made in India EVs यदि गुणवत्ता और लागत दोनों मामलों में संतुलन बनाकर पेश किए जाएं, तो भारत वैश्विक स्तर पर EV export hub बन सकता है।

Latin America, Africa और Southeast Asia जैसे उभरते बाजारों में भारतीय EVs की काफी मांग हो सकती है, क्योंकि ये क्षेत्र अब affordable electric vehicles की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।

2030 तक EV Manufacturing India का भविष्य

2030 तक भारत की EV manufacturing capacity इतनी हो जाएगी कि वह सालाना 25 लाख यूनिट बना सके। इसका सीधा असर इन क्षेत्रों पर होगा:

  • हज़ारों लोगों को नई नौकरियां मिलेंगी
  • देश में EV ecosystem in India का विकास होगा
  • तेल आयात में कटौती होगी
  • Carbon emission घटेगा
  • और भारत बनेगा एक global EV exporter

सारणी: EV Production Capacity India (2025–2030)

EV Production Capacity India
EV Production Capacity India
वर्षअनुमानित उत्पादन क्षमताअतिरिक्त यूनिट (घरेलू मांग से अधिक)
20252 लाख यूनिट0
202710 लाख यूनिटलगभग 5 लाख यूनिट
203025 लाख यूनिट11–21 लाख यूनिट

निष्कर्ष: EV Industry India के लिए सुनहरा अवसर

आज भारत EV सेक्टर में जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहा है, वह काबिल-ए-तारीफ है। लेकिन अगर हमें दुनिया में टॉप EV निर्माताओं के साथ खड़ा होना है, तो हमें high quality और low cost electric vehicles पर ध्यान देना होगा।

2030 में भारत सिर्फ़ electric car production capacity India में बड़ा नहीं बनेगा, बल्कि EV export from India के जरिए खुद को एक वैश्विक ताकत के रूप में स्थापित कर सकता है

📘 डिस्क्लेमर:

यह लेख Rhodium Group की रिपोर्ट और भारत सरकार के Vahan Dashboard जैसे अधिकृत स्रोतों से प्राप्त आँकड़ों और तथ्यों पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी केवल जनहित में है और इसका उद्देश्य किसी ब्रांड, कंपनी या सरकार का प्रचार करना नहीं है। यह एक अनुभवी EV Auto Engineer की विशेषज्ञ राय है।

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